उस प्रेम तरू के कोटर में इक पीड़ सुहानी रखी है समझ की सधी गुलेलों पे कंकड़ भर नादानी उस प्रेम तरू के कोटर में इक पीड़ सुहानी रखी है समझ की सधी गुलेलों पे कं...
बसंती हवा तन को महका रही है, ऋतु मधुमास की मन बहका रही है। बसंती हवा तन को महका रही है, ऋतु मधुमास की मन बहका रही है।
कुछ दिन ठूंठ सा जीवन बिता वह भी गिर जायेगा। कुछ दिन ठूंठ सा जीवन बिता वह भी गिर जायेगा।
जिसका ना ही कोई, आरोह है ना अवरोह, जिसका ना ही कोई, आरोह है ना अवरोह,
ढूँढते फिरते सभी अब संकटों से घिर उपाय। रोशनी सुख की हटाकर घिर रहा जहरी अँधेरा। ढूँढते फिरते सभी अब संकटों से घिर उपाय। रोशनी सुख की हटाकर घिर रहा ज...
तरु से हमको, फल फूल मिले पथिक को शीतल छांव मिले तरु से हमको, फल फूल मिले पथिक को शीतल छांव मिले